Thursday, November 20, 2014

Poem on Nature in hindi | Kavita on प्रकृति (Nature)

प्रकृति (Nature)

ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है मुझसे
ये कान के पास से गुजरती हवाओ की सरसराहट
ये पेड़ो पर फुदकते चिड़ियों की चहचहाहट
ये समुन्दर की लहरों का शोर
ये बारिश में नाचती मोर
कुछ कहना चाहती है मुझसे
ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है मुझसे
ये चांदनी रात
ये तारों की बरसात
ये खिले हुए सुन्दर फूल
ये उड़ते हुए धुल
कुछ कहना चाहती है मुझसे
ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है मुझसे
ये नदियों की कलकल
ये मौसम की हलचल
ये पर्वत की चोटियाँ
ये झींगुर की सीटियाँ
कुछ कहना चाहती है मुझसे
ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है मुझसे

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