1. अगर इंसान मिल जाये मुकम्मल तो
सर पत्थर के आगे क्यूँ झुकाऊँ
खयालों में तेरे .... मैंने बिता दी ज़िंदगी सारी
इबादत कर नहीं पाया खुदा! नाराज़ मत होना
तुम्हारी याद में आंसू ........ बहाना यूँ जरूरी है
रुके दरिया के पानी को तो प्यासा भी नहीं छूता
सूना तो था की जाता है सदा प्यासा कुएं के पास
समंदर की बुझाने प्यास खुद जाता है क्यूँ दरिया
2. बांट देता है सभी को ये उजाला
हो सके तो धर्म दीपक का बदल दो
जब तक बादलों को फ़िक्र धरती की रहेगी यूँ
सूरज की तपिश से कुछ बुरा होगा नहीं इसका
सताने को तुम्हे अक्सर हमारा जी किया है
पर तुम्हारी मुस्कराहट .... लुत्फ़ ये लेने नहीं देती
3. उनका ठिकाना तो दिल में था
हमारे पर उनसे दो क़दम आया ना गया
हमने रो कर पूछा क्यों तोड़ दिया प्यार का वादा
उसने हस कर कहा , बस निभाया ना गया .
सर पत्थर के आगे क्यूँ झुकाऊँ
खयालों में तेरे .... मैंने बिता दी ज़िंदगी सारी
इबादत कर नहीं पाया खुदा! नाराज़ मत होना
तुम्हारी याद में आंसू ........ बहाना यूँ जरूरी है
रुके दरिया के पानी को तो प्यासा भी नहीं छूता
सूना तो था की जाता है सदा प्यासा कुएं के पास
समंदर की बुझाने प्यास खुद जाता है क्यूँ दरिया
2. बांट देता है सभी को ये उजाला
हो सके तो धर्म दीपक का बदल दो
जब तक बादलों को फ़िक्र धरती की रहेगी यूँ
सूरज की तपिश से कुछ बुरा होगा नहीं इसका
सताने को तुम्हे अक्सर हमारा जी किया है
पर तुम्हारी मुस्कराहट .... लुत्फ़ ये लेने नहीं देती
3. उनका ठिकाना तो दिल में था
हमारे पर उनसे दो क़दम आया ना गया
हमने रो कर पूछा क्यों तोड़ दिया प्यार का वादा
उसने हस कर कहा , बस निभाया ना गया .
No comments:
Post a Comment