Monday, December 1, 2014

Hindi Kavita Poem on Love

Hindi Love Kavita

वोह जमाना कुछ और था..
तेरा मेरा रिश्ता पुराना कुछ और था..
होमेवोर्क के बहाने ,
तुजसे मिलने का बहाना कुछ और था.




रिसेस में पराठो का चुपके से खिलाना
वोह मासूम याराना कुछ और था..
प्यार में दोस्ती. दोस्ती में प्यार..
लब्जो का वोह तराना कुछ और था..




एक अरसे बाद निकला था तेरी गली से
जो रोशन हुआ करती थी तेरी हसी से
कदम बस ठहर से गये
साँसे दो पल को जैसे थम सी गयी
फिर दिल को ये गुमान आया
वोह किस्सा पुराना कुछ और था




तेरा मेरा रिश्ता पुराना कुछ और था
वोह जमाना कुछ और था..वोह जमाना कुछ और था..

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