Shayari In Hindi Fonts/Text | hindi language
मजहब के नाम पर तो मिटाए गए कई, इंसानियत
को ही अब ऐलान-ए-मजहब किया जाए,
दिलों की दूरियां मिटा के इंसान को इंसान
बनाया जाए,
नफरत बहुत है फिजा में चलो मुहब्बत को हर जगह
फैलाया जाए,
रोती आँखों , टूटते दिलो को तडपते कई बार
देखा है,
किसी को मुस्कुराता देखने की गर
तमन्ना हो तो चलो "नेहा" को याद किया जाए।,,,,,
मजहब के नाम पर तो मिटाए गए कई, इंसानियत
को ही अब ऐलान-ए-मजहब किया जाए,
दिलों की दूरियां मिटा के इंसान को इंसान
बनाया जाए,
नफरत बहुत है फिजा में चलो मुहब्बत को हर जगह
फैलाया जाए,
रोती आँखों , टूटते दिलो को तडपते कई बार
देखा है,
किसी को मुस्कुराता देखने की गर
तमन्ना हो तो चलो "नेहा" को याद किया जाए।,,,,,
No comments:
Post a Comment